डॉ साधना गुप्ता
कुछ कहना ,कुछ सुनना हो,
मन के सपनों को बुनना हो,
दें उतार मुखटो को आज
कर ले स्व से पहचान आज,
मानव-मानव हो एक समान,
धर्म रहे मानवतावादी,
कर्म रहे कर्तव्य प्रधान,
शिक्षा दे संस्कार आज
उत्तम हो आचार-विचार
नर-नारी का भेद न हो
निर्भय हो सकल संसार
कुछ कहना ,कुछ सुनना हो,
मन के सपनों को बुुनना हो ।
मंगलपुरा, टेक, झालावाड़ 326001 राजस्थान
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