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महावीर त्यागी

 महावीर त्यागी का जन्म 31 दिसंबर 1899 को मुरादाबाद जनपद के ढबारसी गांव में हुआ था। इनके पिता शिवनाथ सिंह जी गांव रतनगढ़ जिला बिजनौर के एक प्रसिद्ध जमींदार थे, इनकी माता जानकी देवी जी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। मेरठ में शिक्षा प्राप्त करने के दौरान प्रथम विश्व युद्ध के समय वो सेना की इमरजेंसी कमीशन में भर्ती हो गए और उनकी तैनाती पर्सिया (अब ईरान) में कर दी गयी। आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी जी से प्रभावित थे। स्वतंत्रता सेनानी महावीर त्यागी एक अनूठे इंसान थे वे 1919 में जलियावाला बाग हत्या कांड के बाद ब्रिटिश सेना के इमरजेंसी कमीशन से त्यागपत्र दे दिया। सेना ने उनका कोर्ट मार्शल कर दिया, उसके बाद वो गांधी जी के साथ देश की आजादी के आंदोलन में कूद गए। अंग्रेजों द्वारा वो 11 बार गिरफ्तार किए गए, एक किसान आंदोलन के दौरान जब उनको गिरफ्तार करके यातनाएं दी गईं तो गांधीजी ने इसके लिए अंग्रेजों की आलोचना यंग इंडिया में लेख लिखकर की। उनका विवाह 26 जुलाई 1925 को बिजनौर जनपद के गांव राजपुर नवादा के जमींदार परिवार की बेटी शर्मदा त्यागी से हुआ था, इनकी तीन पुत्रियां हैं। इनकी पत्नी शर्मद
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प्रभावी जनसंख्या नीति की दरकार

  अरविंद जयतिलक आज की तारीख में भारत चीन को पछाड़कर दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला देश बन गया है। चीन की आबादी 142.57 करोड़ है जबकि भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गई है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के आंकड़ों के मुताबिक चीन के मुकाबले अब भारत में 30 लाख लोग अधिक हैं। यह पहली बार है जब भारत जनसंख्या सूची में शीर्ष पायदान पर है। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के राज्य केरल और पंजाब में बुजुर्गों की संख्या अधिक है वहीं बिहार और उत्तर प्रदेश में युवा आबादी सर्वाधिक है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत की आबादी आने वाले तीन दशकों तक बढ़ती रहेगी और उसके बाद घटनी शुरु होगी। यानि 2050 तक भारत की आबादी 166 करोड़ के पार पहुंच सकता है। उधर, चीन की आबादी घटकर 131.7 करोड़ रह जाएगी। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के मुताबिक जब दुनिया भर में जनसंख्या बढ़ने की गति धीमी पड़ रही है वहीं भारत में साल भर में आबादी 1.56 फीसद बढ़ी है। भारत में जनसंख्या वृद्धि इसलिए है कि नवजात, शिशु और बाल मृत्यु दर में गिरावट आयी है। एक आंकड़े के मुताबिक 2012 में एक वर्ष के कम उम्र के बच्चों की मौत की दर 42 प्रत

धरती पर बढ़ता आबादी का भार !

 विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई पर  डाॅ. श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट 34वां विश्व जनसंख्या दिवस दुनियाभर में मनाया जा रहा है। इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सन 1989 में की गई थी, जिसके बाद सन 1990 में इसे पहली बार वैश्विक स्तर पर 90 से अधिक देशों में जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया गया था।वस्तुतः सन 2011 में दुनिया की आबादी 7 अरब थी, जो इस साल 8 अरब तक पहुंच गयी है। जनसंख्या  वृद्धि इतनी तेजी से हो रही है कि 2030 तक यह संख्या 8.5 अरब तक पहुंचने की संभावना है और अगले 20 सालों में यानि सन 2050 तक यह आंकड़ा  9.7 अरब तक पहुंच सकता है।भारत की अनुमानित जनसंख्या वर्ष 2020 के मध्य में लगभग एक अरब 38 करोड़ लोगों की थी तो वही चीन की जनसंख्या लगभग एक अरब 43 करोड़ लोगों की थी।अप्रैल सन 2023 में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार अब भारत चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बना गया है, जहाँ चीन की कुल आबादी 142.57 करोड़ है, तो वहीं भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ पर पहुंच गई है। जुलाई सन 2023 की शुरूआत में सबसे अधिक जनसंख्या वाल

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RNI- UPHIN/2018/77444        ISSN- 2582-1288 वार्षिक सदस्यता: 1000 रु.       पांच वर्ष सदस्यता: 4000 रु.  भुगतान करें-   SHODHADARSH INDIAN OVERSEES BANK, NAJIBABAD AC- 368602000000186      IFSC- IOBA0003686  भुगतान पर्ची  9897742814  वाट्सएप  अथवा ई-मेल - shodhadarsh2018@gmail.com पर भेजें संपादक- अमन कुमार        Mob- 9897742814 https://forms.gle/FSkned992jr4Td4J6

वैशाली

  अर्चना राज़ तुम अर्चना ही हो न ? ये सवाल कोई मुझसे पूछ रहा था जब मै अपने ही शहर में कपडो की एक दूकान में कपडे ले रही थी , मै चौंक उठी थी   .... आमतौर पर कोई मुझे इस बेबाकी से इस शहर में नहीं बुलाता क्योंकि एक लंबा अरसा गुजारने के बाद भी   इस शहर से मेरा रिश्ता बड़ा औपचारिक सा ही है... न तो मैंने और न ही इस शहर ने कभी मुझे अपना बनाना चाहा पर खैर ...... हलके आश्चर्य के साथ सौजन्यतावश मैंने पलटकर देखा --------हाँ ...मै अर्चना ही हूँ पर माफ़ करें मैंने आपको पहचाना नहीं . मेरे सामने लगभग मेरी ही हमउम्र एक महिला खडी थी , हल्का भरा शरीर , गोरी रंगत , गंभीर आँखें पर किंचित हल्की मुस्कान लिए ..नीले रंग के परिधान में जो उसपर बहुत फब रहा था , तुमने मुझे पहचाना नहीं , मै वैशाली हूँ .....वैशाली आर्या .....याद आया ..... हम कॉलेज में साथ थे . स्मृतियों के लम्बे गलियारे का दरवाज़ा कुछ ही पलों में ख़ट   करके खुल गया .....मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पडी ....मैंने उसे तुरंत ही पहचान लिया ......अरे वैशाली .....तुम ..यहाँ ? मुझे ख़ुशी भी थी और कुछ आश्चर्य भी . पहचान लिए जाने की सुकून भरी मुस्कुराहट के साथ उसने